देवी देवता स्तुति स्तोत्रा

इस पृष्ठ में कुछ देवी भजन हैं: गणपति सूक्तम, गणेश स्तुति, विश्वनाधा स्तुति, सरस्वती देवी स्तुति, सरस्वती वंदनाम, श्री कृष्णाष्टकम, श्री कृष्ण स्तुति, सुब्रह्मण्य स्वामी ध्यानम, अन्नपूर्णा देवी स्तुति, हनुमत स्तुति।

गणेष स्तुति

सुमुखश्चैकदंतश्च कपिलॊगजकर्णक:

लंबॊदरश्च विकटॊ विघ्नराजॊ गणाधिप:

धूमकॆतुर्गणाध्यक्ष: फालचंद्रॊ गजानन:

वक्रतुंड श्शूर्पकर्णॊहॆरंब: स्कंदपूर्वज:

षॊडशैतानि नामानिय: पठॆत श्रुणु यादपि

विद्यारंबॆ विवाहॆच प्रवॆशॆ निर्गमॆ तथा संग्रामे

 सर्वकार्यॆषु विघ्नस्तस्यनजायतॆ

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सरस्वती नदीसरस्वती नदी

ब्रह्मावर्त

आर्याजाती वाद

हनुमत श्तुतिः

अतुलित बलधामं स्वर्ण शैलाभ दॆहं

दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यं

सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं

रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि

गॊष्पदीकृतवाराशिं मशकीकृत राक्षसं

रामायण महामालारत्नं वंदॆ अनिलात्मजं

अंजनानंदं वीरं जानकीशॊकनाशनम

कपीशमक्षहंतारं वंदॆ लंकाभयंकरम

उल्लंघ्यसिंधॊः सलिलं सलीलं

यः शॊकवह्निं जनकात्मजायाः

आदाय तॆनैव ददाह लंकां

नमामि तं प्रांज्ञलिरांज्ञ्नॆयं

मनॊजवं मारुततुल्यवॆगं

जितॆन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम

वातात्मजं वानरयूथमुख्यं

श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्यॆ

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श्रीरामदूतं शिरसा नमामि

आञ्जनॆयमतिपाटलाननं

काञ्चनाद्रिकमनीयविग्रहम

पारिजाततरुमूलवासिनं

भावयामि पवमाननन्दनम

यत्र यत्र रघुनाथकीर्तनं

तत्र तत्र कृतमस्तकाञ्जलिम

बाष्पवारिपरिपूर्णलॊचनं

मारुतिं नमत राक्षसान्तकम

श्रीराम श्री हनुमतॆ नम:

बुद्धिर बलं यशॊधैर्यं

निर्भयत्वमरॊगत अजाड्यं

वाक्पटुत्वंच हनुमतस्मरणात भवॆत

श्री राम श्री हनुमतॆ नमः

हरॆ राम हरॆ राम राम राम हरॆ हरॆ

सीतावल्लभ दाशरधॆ दशरध नंदन

लॊकगुरॊ रावण मर्दन राम

नमॊ भक्तंतॆ परिपालयमां

राम हरॆ कृष्ण हरॆ

तव नाम वदामि सदा नृहरॆ

वॆंकटॆष्वर सुप्रभातं

कौसल्या सुप्रजाराम पूर्वासंध्याप्रवर्ततॆ 
 उत्तिष्ठ नरशार्दूल कर्तव्यम दैव माह्निकम

उत्तिष्ठॊत्तिष्ठ गॊविंद उत्तिष्ठ गरुडध्वज 
 उत्तिष्ठ कमलाकांत त्रैलॊक्यं मंगळं कुरु

मातस्समस्त जगतां मधुकैटभारॆः 
 वक्षॊविहारिणि मनॊहर दिव्यमूर्तॆ

श्रीस्वामिनॆ श्रितजनप्रिय दानशीलॆ 
 श्री वॆंकटॆश दयितॆ तव सुप्रभातम

श्रीराम स्तुतिः

हरॆ राम हरॆ राम राम राम हरॆ हरॆ

सीतावल्लभ दाशरधॆ दशरध नंदन

लॊकगुरॊ रावण मर्दन राम

नमॊ भक्तंतॆ परिपालयमां

राम हरॆ कृष्ण हरॆ

तव नाम वदामि सदा नृहरॆ

विश्वनाथ स्तुति

गंगातरंग रमणीय  जटाकलापं गौरीनिरंतर विभूषित वामभागं !

नारायण प्रियमनंग मदापहारं वाराणसीपुरपतिं भज विश्वनाथम !

वाचामगॊचरमनॆक गुणस्वरूपं वागीश विष्णुसुर सॆवित पादपीठं !

वामॆन विग्रहवरॆण कळत्रवंतं वारणसी पुरपतिं भज विश्वनाथम !

भूताधिपं भुजगभूषण भूषितांगं व्याघ्रूजिनांबरधरं जटिलं त्रिणॆत्रं !

पाशांकुशाभयवर प्रदशूलपाणिं वाराणसी पुरपतिं भज विश्वनाथम !

सरस्वती देवी स्तुति

ॐ प्रणो देवी सरस्वती 
वजेभिवजिनीवती
धीनमवित्र्य्वतु ॐ

या कुंदॆन्दु तुषारहार धवळ, या शुभ्रवस्त्राव्रित 
या वीणवर दंडमंदितकर, या श्वॆत पद्मासन
या ब्रह्माच्युत शंकर प्रभृतिभिर्देवायैसदा वन्दित
सा माम पातु सरस्वती भगवती नीहशॆष जाड्यापहा

ऒम सरस्वति महभागॆ, विद्यॆ कमल लॊचनॆ
  विश्वरूपॆ विशालक्षि, विद्यम दॆहि नमॊस्तुतॆ
  जय जय दॆवि, चराचर शारी, कुचयुग शॊभित,
 मुक्त हारॆ  वीणा रंजित, पुस्तक हस्तॆ,
भगवति भारति देवि नमॊहस्तुतॆ

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श्रीकृष्णा स्तुति

करारविंदॆन पदारविंदं मुखारविंदॆ विनिवॆशयंतम  
वटस्य पत्रस्य पुटॆ शयानं बालं मुकुंदं मनसा स्मरामि  

कस्तूरी तिलकं ललाट फलकॆ
वक्षस्थले कौस्थुभं नासाग्रॆ नवमौक्तिकं
करतेलॆ वॆणुं करॆ कंकणं
सर्वांगॆ हरि चंदनं च कलयं
कंठॆच मुक्ताव ; ं गॊपस्त्री परवॆष्टितौ
विजयतॆ गॊपाल चूडामणि

यत्र यॊगॆस्वरः 

कृष्णॊ यत्र पार्थॊ धनुर्धरः 

तत्र श्रीर्विजयॊ भूतिः 

धृवाः नीतिर्मतिर्मम

सुब्रह्मण्य स्वामी ध्यानम

षड्वक्त्रं शिखिवाहनं त्रिनयनं चित्रांबरालंकृतम !

शक्तिं वज्रमसिं त्रिशूल मभयं खॆटंधनुश्चक्रकम !

पाशं कुक्कुट मंकुशं च वरदं दॊर्भिर्दधानं सदा !

ध्यायॆदीप्सित सिद्धिदं शिवसुतं वंदॆसुराराधितम !

गांगॆयं वह्निगर्भं शरवण जनितं ज्ञानशक्तिं कुमारं !

ब्रह्मण्यं स्कंददॆवं गुहममलगुणं रुद्रतॆज स्स्वरूपं !

सॆनान्यं तारकघ्नं गुरुमचलमतिं कार्तिकॆयं षडास्यं !

सुब्रह्मण्यं मयूरध्वजरथ सहितं दॆवदॆवं नमामि !

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